Happy New Year 2007
One of the Best Hindi Poets of our times that I have come across.
To know why and what really touched many fellow bloggers like me, do check out the video below.
Amazing rendition and stage presence. Simply hats off to to Dr Kumar Vishwas
http://www.youtube.com/watch?v=Q2UGxC3k3z4
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ।
मगर धरती की बेचैनी को, बस बादल समझता है ।
मैं तुझसे दूर कैसा हूं, तू मुझसे दूर कैसी है ।
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है ।
मोहब्बत एक अहसासों के, पवन सी कहानी है ।
कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है ।
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसूं हैं ।
जो तू समझे तो मोती हैं, जो ना समझे तो पानी हैं ।
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता ।
ये आँसूं प्यार मोती हैं, इनको खो नही सकता ।
मेरी चाहत को तू दुल्हन बना लेना, मगर सुन ले ।
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता ।
भ्रमर कोई कुमुदिनी पर मचल बैठा तो हंगामा ।
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का ।
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा ।
~By - Dr. Kumar Vishwas @ Moksha "College festival of NSIT".
Tuesday, January 02, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
kahan se chaant ke late ho...dr vishwas ko hamara saLAM
-M
Thanks M. The guy is really amazing :)and abt kahan se laate ho then i guess more than me lokin for stories , stories find sethi sahib :)
Post a Comment